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Raipur, Chhattisgarh, India

विश्व में दूसरी सबसे अच्छी राज्यसरकार घोषित

-गुजरात सरकार को विश्व में दूसरी सबसे अच्छी राज्यसरकार घोषित किया गया है और इसे घोषित किया हैइंटरनेशनल कोंसिल ऑफ़ यू.एन . ने ........10 साल पहले गुजरात पर विश्व बैंक का 50,000 करोड़रूपये क़र्ज़ थालेकिन आज गुजरात सरकार के ही 1 लाख करोड़ रूपएविश्व बैंक में जमा हैं .आज गुजरात में ।

1.--कोई शराब की दुकान नहीं है
2.--24 घंटे बिजली उपलब्ध है .
3.--100% महिलाये पढ़ रही हैं .
4.--पुरे भारत का 15% आयत गुजरात से होता है.
5.--शेयर मार्किट में 30% गुजरात का निवेश है .
6.--टाटा, रिलायंस, फोर्ड, नोकिया, B.M.W., हौंडा इत्यादी सब गुजरात में हैं और अगले 10 साल में ये सिंगापुर को पीछे छोड़नवाला है ...

मिली अजगर की 'खदान', सबके उड़े होश!

मिली अजगर की 'खदान', सबके उड़े होश!

मध्यप्रदेश में कान्हा नेशनल पार्क के पास करीब एक एकड़ में फैली चट्टानों के नीचे अजगरों का एक बड़ा समूह मिला है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस स्थान पर करीब 1500 से दो हजार अजगर हैं। एक ही स्थान पर इतनी अधिक संख्या में अजगर मिलने को वन्य प्राणी विशेषज्ञ शोध का विषय मानते हैं। अजगरों के एक साथ रहने के कारण इस क्षेत्र को अजगर दादर के नाम से भी जाना जाता है। अंजनिया जगमंडल के रेंजर सुधीर मिश्रा के अनुसार एक एकड़ में फैली चट्टान के नीचे हजारों अजगर होने की संभावना है। प्राय: इन्हें दो से दस तक के समूह में देखा गया है। देश में इतनी बड़ी तादाद में पहली बार अजगरों के समूह को देखा गया है। वहीं इस मामले पर कान्हा पार्क के वन्य जीव विशेषज्ञ ने कहा कि चट्टान के नीचे की जगह अजगरों के लिए सुरक्षित है। इस क्षेत्र में उन्हें शिकार भी आसानी से मिल जाता है, जिससे वे एक साथ इस स्थान पर रह रहे हैं।

भोजन करने सम्बन्धी कुछ जरुरी नियम

भोजन करने सम्बन्धी कुछ जरुरी नियम
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१ पांच अंगो ( दो हाथ , २ पैर , मुख ) को अच्छी तरह से धो कर
ही भोजन करे !
२. गीले पैरों खाने से आयुमें वृद्धि होती है !
३. प्रातः और सायं ही भोजनका विधान है !किउंकि पाचन
क्रिया की जठराग्नि सूर्योदय से 2 ० घंटे बादतक एवं सूर्यास्त से 2 :
3 0 घंटे पहले तक प्रवल रहती है
४. पूर्व और उत्तर दिशा कीओर मुह करके ही खाना चाहिए !
५. दक्षिण दिशा की ओर कियाहुआ भोजन प्रेत को प्राप्त
होता है !
६ . पश्चिम दिशा की ओर किया हुआ भोजन खाने से रोग
की वृद्धि होती है !
७. शैय्या पर , हाथ पर रख कर , टूटे फूटे वर्तनो मेंभोजन
नहीं करना चाहिए !
८. मल मूत्र का वेग होने पर,कलह के माहौल में,अधिक शोर में,पीपल,वट
वृक्ष के नीचे,भोजन नहीं करना चाहिए !
९ परोसे हुए भोजन की कभी निंदा नहीं करनी चाहिए !
१०. खाने से पूर्व अन्न देवता , अन्नपूर्णा माता की स्तुति कर के ,
उनका धन्यवाद देते हुए , तथा सभी भूखो को भोजन प्राप्त हो इस्वर से
ऐसी प्राथना करके भोजन करना चाहिए !
११. भोजन बनने वाला स्नान करके ही शुद्ध मन से, मंत्र जप करते हुए
ही रसोई में भोजन बनाये और सबसे पहले ३ रोटिया अलग निकाल कर
( गाय , कुत्ता , और कौवे हेतु ) फिर अग्नि देव का भोग लगा कर
ही घर वालो को खिलाये !
१२. इर्षा , भय , क्रोध, लोभ,रोग , दीन भाव,द्वेष भाव,के साथ
किया हुआ भोजन कभी पचता नहीं है !
१३. आधा खाया हुआ फल ,
मिठाईया आदि पुनः नहीं खानी चाहिए !
१४. खाना छोड़ कर उठ जाने पर दुबारा भोजन नहीं करनाचाहिए !
१५. भोजन के समय मौन रहे !
१६. भोजन को बहुत चबा चबा कर खाए !
१७. रात्री में भरपेट न खाए !
१८. गृहस्थ को ३२ ग्रास सेज्यादा न खाना चाहिए !
१९. सबसे पहले मीठा , फिर नमकीन , अंत में कडुवा खाना चाहिए !
२०. सबसे पहले रस दार , बीचमें गरिस्थ , अंत में द्राव्य पदार्थ ग्रहण करे!
२१. थोडा खाने वाले को --आरोग्य , आयु , बल , सुख, सुन्दर संतान ,
और सौंदर्य प्राप्त होता है !
२२. जिसने ढिढोरा पीट कर खिलाया हो वहा कभी न खाए !
२३. कुत्ते का छुवा , रजस्वला स्त्री का परोसा, श्राध
का निकाला , बासी , मुह से फूक मरकर ठंडा किया , बाल
गिरा हुवा भोजन , अनादर युक्त , अवहेलना पूर्ण परोसा गया भोजन
कभी न करे !
२४. कंजूस का, राजा का,वेश्या के हाथ का,शराब बेचने वाले
का दिया भोजन कभी नहीं करना चाहिए
यह नियम आप जरुर अपनाये और फर्क देखें —

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