मिली अजगर की 'खदान', सबके उड़े होश!
मध्यप्रदेश में कान्हा नेशनल पार्क के पास करीब एक एकड़ में फैली चट्टानों के नीचे अजगरों का एक बड़ा समूह मिला है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस स्थान पर करीब 1500 से दो हजार अजगर हैं। एक ही स्थान पर इतनी अधिक संख्या में अजगर मिलने को वन्य प्राणी विशेषज्ञ शोध का विषय मानते हैं। अजगरों के एक साथ रहने के कारण इस क्षेत्र को अजगर दादर के नाम से भी जाना जाता है। अंजनिया जगमंडल के रेंजर सुधीर मिश्रा के अनुसार एक एकड़ में फैली चट्टान के नीचे हजारों अजगर होने की संभावना है। प्राय: इन्हें दो से दस तक के समूह में देखा गया है। देश में इतनी बड़ी तादाद में पहली बार अजगरों के समूह को देखा गया है। वहीं इस मामले पर कान्हा पार्क के वन्य जीव विशेषज्ञ ने कहा कि चट्टान के नीचे की जगह अजगरों के लिए सुरक्षित है। इस क्षेत्र में उन्हें शिकार भी आसानी से मिल जाता है, जिससे वे एक साथ इस स्थान पर रह रहे हैं।
मध्यप्रदेश में कान्हा नेशनल पार्क के पास करीब एक एकड़ में फैली चट्टानों के नीचे अजगरों का एक बड़ा समूह मिला है। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस स्थान पर करीब 1500 से दो हजार अजगर हैं। एक ही स्थान पर इतनी अधिक संख्या में अजगर मिलने को वन्य प्राणी विशेषज्ञ शोध का विषय मानते हैं। अजगरों के एक साथ रहने के कारण इस क्षेत्र को अजगर दादर के नाम से भी जाना जाता है। अंजनिया जगमंडल के रेंजर सुधीर मिश्रा के अनुसार एक एकड़ में फैली चट्टान के नीचे हजारों अजगर होने की संभावना है। प्राय: इन्हें दो से दस तक के समूह में देखा गया है। देश में इतनी बड़ी तादाद में पहली बार अजगरों के समूह को देखा गया है। वहीं इस मामले पर कान्हा पार्क के वन्य जीव विशेषज्ञ ने कहा कि चट्टान के नीचे की जगह अजगरों के लिए सुरक्षित है। इस क्षेत्र में उन्हें शिकार भी आसानी से मिल जाता है, जिससे वे एक साथ इस स्थान पर रह रहे हैं।
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